दो यात्री और कुल्हाड़ी।

Story Summary
इस छोटी सी नैतिक कहानी में, दो आदमी एक साथ यात्रा करते हुए एक कुल्हाड़ी पाते हैं, और उनमें से एक उसे अपना बताता है। जब असली मालिक उनका पीछा करता है, तो दूसरा यात्री उसे याद दिलाता है कि वह अपने पहले के दावे की जिम्मेदारी ले, यह दर्शाते हुए कि जो लाभ में हिस्सा लेते हैं, उन्हें परिणामों में भी हिस्सा लेना चाहिए। यह छोटी और सरल नैतिक कहानी भाग्य और दुर्भाग्य दोनों में जवाबदेही के महत्व पर जोर देती है।
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कहानी का नैतिक यह है कि किसी भी साझा स्थिति में व्यक्तियों को पुरस्कार और परिणाम दोनों के लिए समान रूप से जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
Historical Context
यह कहानी व्यक्तिगत बनाम सामूहिक जिम्मेदारी के विषयों को दर्शाती है और इसकी उत्पत्ति विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं में हुई है, विशेष रूप से प्राचीन नीतिकथाओं और दृष्टांतों में, जहाँ नैतिक शिक्षाएँ सरल कथाओं के माध्यम से प्रस्तुत की जाती हैं। एक प्रसिद्ध पुनर्कथन एसोप की नीतिकथाओं में पाया जा सकता है, जो अक्सर व्यक्तियों के बीच सहयोग और जवाबदेही की गतिशीलता का पता लगाती हैं। यह कहानी लगातार मूल्यों और कार्यों के महत्व पर जोर देती है, विशेष रूप से प्रतिकूल परिस्थितियों में, यह दिखाते हुए कि कैसे एक व्यक्ति के शब्द और दृष्टिकोण बदलती परिस्थितियों के प्रति प्रतिक्रिया में बदल सकते हैं।
Our Editors Opinion
यह कहानी सफलता और असफलता दोनों में जवाबदेही और साझा जिम्मेदारी के महत्व को उजागर करती है। आधुनिक जीवन में, इसे एक कार्यस्थल परिदृश्य में देखा जा सकता है जहां एक टीम सदस्य सफल परियोजना का श्रेय अकेले लेता है, लेकिन जब चीजें गलत होती हैं, तो वह पूरी टीम पर दोष डालता है—यह दर्शाता है कि सच्चे सहयोग का मतलब है पुरस्कार और परिणाम दोनों को साझा करना।
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यात्री और उसका कुत्ता।
"द ट्रैवलर एंड हिज डॉग" में, एक यात्री अपने कुत्ते को उनकी यात्रा में देरी करने के लिए धैर्यहीन होकर दोष देता है, यह सोचकर कि कुत्ता तैयार नहीं है। हालांकि, कुत्ता यह बताता है कि वह यात्री का इंतज़ार कर रहा था, जो कहानियों से सीखे गए एक महत्वपूर्ण सबक को दर्शाता है: जो लोग टालमटोल करते हैं, वे अक्सर अपने अधिक मेहनती साथियों पर दोष डालते हैं। यह मनोरंजक नैतिक कहानी हमें अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेने के महत्व की याद दिलाती है।

यात्री और भाग्य।
"द ट्रैवलर एंड फॉर्च्यून" में, एक थका हुआ यात्री जो एक गहरे कुएं के किनारे पर है, डेम फॉर्च्यून द्वारा जगाया जाता है, जो उसे चेतावनी देती है कि यदि वह गिर गया, तो लोग उसके दुर्भाग्य के लिए अन्यायपूर्वक उसे दोष देंगे। यह छोटी और मधुर नैतिक कहानी युवा पाठकों को सिखाती है कि व्यक्ति अक्सर अपने भाग्य की चाबी खुद ही रखते हैं, न कि अपनी विपत्तियों को बाहरी ताकतों पर मढ़ते हैं, जिससे यह नैतिक शिक्षा वाली कहानियों और नैतिक सबक सीखने वाली कहानियों के लिए एक मूल्यवान अतिरिक्त बन जाती है।

ओक्स और जुपिटर।
"द ओक्स एंड जुपिटर," एक क्लासिक नैतिक कहानी में, ओक के पेड़ अपने कटने के निरंतर खतरे पर शोक व्यक्त करते हैं, जीवन के बोझ से दबे हुए महसूस करते हैं। जुपिटर एक बुद्धिमान सबक देते हुए जवाब देता है, यह समझाते हुए कि उनकी अपनी ताकत और बढ़ई और किसानों के लिए स्तंभ के रूप में उनकी उपयोगिता ही उन्हें कुल्हाड़ी का निशाना बनाती है। यह मनोरंजक नैतिक कहानी इस बात को उजागर करती है कि हमारे गुण कैसे लाभ और दुर्भाग्य दोनों का कारण बन सकते हैं, एक ऐसा विषय जो अक्सर नैतिक सबक वाली बचपन की कहानियों में पाया जाता है।
Other names for this story
साझा पुरस्कार, कुल्हाड़ी की दुविधा, एकता खतरे में, यात्रियों का चयन, हम या मैं: एक यात्रा, कुल्हाड़ी और यात्री, साथ या अकेले, जिम्मेदारी का बोझ।
Did You Know?
यह कहानी साझा जिम्मेदारी और जवाबदेही के विषय को दर्शाती है, यह जोर देती है कि व्यक्ति को न केवल पुरस्कारों का बल्कि अपने कार्यों के परिणामों का भी स्वामित्व लेना चाहिए। यह सौभाग्य और दुर्भाग्य दोनों में एकता के महत्व को उजागर करती है, और रिश्तों के सहयोगात्मक स्वभाव की याद दिलाती है।
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